शायरी

 




💜 कभी जान ,कभी माशूका ,

कभी महबूब लिखता हूँ

सनम की याद में खो जाऊं ,

तो शायरियां खूब लिखता हूँ ||

💗  जो है पसंद मुझे

हर हाल वही चाहिए

होंगे उससे भी बेहतर इस जहां में

हमें ....नहीं  चाहिए ||

                     💖 शायर -रंजीत मद्धेशिया 💖

 



Comments

  1. ये भी ठीक हैं गुरु🤗

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