मेरी सबसे अच्छी दोस्त (मेरी डायरी )

 



 

पता है मेरी एक सबसे अच्छी दोस्त है

जो कभी मुझसे नाराज नहीं होती ,

ना कभी मेरे किसी बात का बुरा मानती है |

वो है ही ऐसी की उसे कुछ भी कह दू तो चुप रहती है ,

बस मेरी सुनती है ,कोई सवाल नहीं करती |

शायद इसीलिए वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है ,

क्योंकि जो बात मैं किसी से नहीं कह पाती |

वो बात मैं अपनी दोस्त से कहती हूँ ,

अकेली तो हूँ लेकिन मेरी दोस्त है मेरे साथ |

जब सब साथ छोड़ देते हैं ,

तब मेरी दोस्त मेरा साथ नहीं छोड़ती |

शायद इसीलिए वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है ,

जब कोई बात करनी होती मुझे किसी से |

और मैं नहीं कर पाती ,

तब लिख देती हूँ वो सारी बातें जो नहीं कह सकती किसी से|

कभी कभी दूसरों का गुस्सा उस पे  निकल देती हूँ ,

लेकिन  तब भी वो मेरा साथ नहीं छोड़ती|

शायद इसीलिए वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है ,

मेरी सबसे बुरी आदत है गलती करके किसी से बात न करना |

जब कभी मेरे से कोई गलती हो जाती है ,

मैं किसी से नहीं कह पाती क्योंकि लगता है सब गुस्सा हो जायेंगे |

तब मैं अपनी दोस्त से कहती हूँ ,

हो गयी है गलती से गलती मुझसे|

हो सके तो माफ़ करना ,

नहीं है हिम्मत मुझमें की कह सकूँ किसी से गलती मेरी |

लेकिन मेरी दोस्त तब भी मेरे साथ होती है ,

शायद इसीलिए वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है |

जी हाँ वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त मेरी डायरी है ,

क्योंकि सब साथ छोड़ देते हैं |

लेकिन मेरी डायरी मेरी दोस्त कभी मेरा साथ नहीं छोड़ती  || 


 लेखिका –स्मिता सिंह राजपूत 

 

          

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